पौराणिक संबंध:-
The *गरुड़ पुराण* पूर्वजों की पूजा के महत्व पर जोर देते हुए कहा गया है कि अनुष्ठानों के माध्यम से पूर्वजों को संतुष्ट करने से आने वाली पीढ़ियों के लिए समृद्धि और सद्भाव सुनिश्चित होता है। इस पूजा में आहुति देना, मंत्रों का जाप करना और पूर्वजों के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करना शामिल है।
वैदिक संदर्भ:-
"पितृनाम तृप्त यज्ञेयम्, प्रजा समृद्धि प्रवर्धते" (*गरुड़ पुराण* 4.23.10)
अनुवाद:- अनुष्ठानों के माध्यम से पूर्वजों का सम्मान करने से उनकी संतुष्टि और भावी पीढ़ियों की समृद्धि सुनिश्चित होती है।
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