पौराणिक संबंध:-
The *मत्स्य पुराण* इस कथा में भगवान शिव के अंधकासुर राक्षस से युद्ध के दौरान उनके पसीने की एक बूंद से मंगल ग्रह की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है। उज्जैन में श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर में पूजा करते हुए, “मंगल ग्रह का जन्मस्थान” ऐसा माना जाता है कि यह मांगलिक दोष को दूर करने के लिए विशेष रूप से शक्तिशाली है।
वैदिक संदर्भ:-
"कूजा दोषं संमुखावारी यत्रतः, तन्निवरणं भक्तानां शांतिं शांत्यै च मंत्रः"
(*बृहत पाराशर होरा शास्त्र* 2.1.27)
अनुवाद:- जब मंगल ग्रह प्रतिकूल स्थिति में होता है, तो यह कठिनाइयों और संघर्षों को जन्म देता है। निर्धारित अनुष्ठान करने से शांति और सद्भाव बहाल करने में मदद मिलती है।
Reviews
There are no reviews yet.